सारे जग की ठोकर खाके द्वार तेरे आया भजन लिरिक्स

सारे जग की ठोकर खाके द्वार तेरे आया भजन लिरिक्स

सारे जग की ठोकर खाके
द्वार तेरे आया, कान्हा
द्वार तेरे आया
रिश्ते टूटे साथी छुटे
कोई ना अपनाया, कान्हा
द्वार तेरे आया

जिन्की खातीर तुझको छोडा
आज उन्हिने मुखड़ा मोडा
किसको दिखाउ दिल का फोड़ा
टूटे दिल के टुकड़े लेकर
चौखट पे आया, कान्हा
चौखट पे आया

आई समाज अब जग की रीति
बिन स्वार्थ के होए न प्रीति
देख के हालत होती इनकी
मुझ निर्बल बिन धन की दशा पे
जग ना तरस खाया, कान्हा
द्वार तेरे आया

जिस्का ना हो कोई सहारा
दिखता उससे बस तेरा द्वारा
मिल जाए हारे को सहारा
नैनो में आसु हाथ पासारे
द्वार तेरे आया, कान्हा
द्वार तेरे आया

दर पे तेरे भिड़ है भारी
पाने आई नेहर तुम्हारी
सब पे नज़र है तेरी मुरारी
दुबती नैया फिर से उबारो
अर्ज़ी ये लाया, कान्हा
अर्ज़ी ये लाया

सारे जग की ठोकर खाके
द्वार तेरे आया, कान्हा
द्वार तेरे आया
रिश्ते टूटे साथी छुटे
कोई ना अपनाया, कान्हा
द्वार तेरे आया

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