मझधार में है नैया राहें अंजानी है भजन लिरिक्स

मझधार में है नैया राहें अंजानी है भजन लिरिक्स मझधार में है नैया राहें अंजानी है, मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुराणी है, मझधार में है नैया………… मैं बीच ववर में हु मिलता न किनारा है, मेरी डूबती नैया का एक तू ही सहारा है, मुझे आस किसी से नहीं, मुझे आस बढानी … Read more