उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं लिरिक्स

उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं लिरिक्स उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं, तेरा हाथ पीठ पर हम महसूस कर रहे हैं, उलझन में भी ओ बाबा… तर्ज – वो दिल कहा से लाउ सुनसान ये डगर है, फिर भी हमें ना डर है, हमें ये खबर है गिरधर, … Read more