तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गई लिरिक्स
तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गई लिरिक्स तुम्हारी शरण मिल गई सँवारे, तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गई, हमें देखने वाला कोई न था, तुम जो मिले बंदगी मिल गई… बचाते ना तुम डूब जाते कन्हैया, कैसे लगाते किनारे पे नैया, हमें ज़िंदगी से परेशान थे, रोते लबो को हंसी मिल गई, … Read more